22 जनवरी 2023 संवाददाता गोविंद दास पाल
फाइलेरिया मुक्ति अभियान को लेकर शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर आशा व एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम की शुरुआत बीएमओ डॉ अर्चना राजपूत की अध्यक्षता में की गई। प्रशिक्षण में उपस्थित सभी आशा कार्यकर्ता व एएनएम को फाइलेरिया रोग के बारे में जानकारी देते हुए डा. अर्चना राजपूत ने बताया कि दो साल से कम उम्र के बच्चों,।
गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा यह दवा सभी को खिलाना जरूरी है। यह दवा खाली पेट नहीं खिलाना है। दवा खाने से होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के बारे में बताते हुए कहा कि यह दवा खाने से शरीर के अंदर मरते हुए कीड़ों की वजह से कभी- कभी किसी व्यक्ति को सिरदर्द, बुखार, उल्टी हो सकती हैं। इसे घबराने की जरुरत नहीं है। यह स्वतः ही ठीक हो जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर
फाइलेरिया की दवाई देकर फाइलेरिया जैसे खतरनाक रोगों से रोकथाम के लिए जानकारी देने के लिए कहा। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि फाइलेरिया की दवाई वर्ष में एक बार प्रत्येक व्यक्ति को खानी चाहिए। यह लाइलाज बीमारी का पांच से छह वर्ष के बाद पता चलता है। अगर यह बीमारी किसी व्यक्ति को हो जाए तो उसका शरीर धीरे धीरे सड़ने लगता है। इस मौके पर अतीक अहमद, अनीश खान, डॉ विपुल, ऋतुराज, गगन सौनी, कुणाल चतुर्वेदी समेत अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।