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गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा अयोजित परीक्षा में आधे छात्रों को फैल करने का मुद्दा गर्मागया

By Admin Roshani Singh / 29 December 2023

(मो. नदीम की रिपोर्ट) आयुर्वेद परीक्षा में आधे छात्र फेल ।

●विश्विद्यालय नही करा रहा कॉपियों का दुबारा मूल्यांकन।

●छात्र कर रहे हंगामा आंदोलन की तैयारी।

●पूरे प्रदेश में आंदोलन की तैयारी कर रहे आयुर्वेद छात्र।

●गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा अयोजित परीक्षा में आधे छात्रों को फैल करने का मुद्दा गर्मागया है।

●छात्र कॉपियों के मूल्यांकन में लापरवाही बरते जाने का आरोप लगाकर हंगामा कर रहे है।

●कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन न किये जाने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है ।

●वही परीक्षा कंट्रोलर ने पूरे प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन फिलहाल छात्रों का भविष्य अधर में लटका है।

●दोबारा काॅपी चेक करने की मांग को लेकर बीएएमएस छात्रों ने किया प्रदर्शन।

पीलीभीत/गोरखपुर प्रेस विज्ञप्ति:प्रदेश के 68 आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों के 200 से अधिक छात्रों ने मंगलवार दोपहर महायोगी गुरु गोरखनाथ राज्य आयुष विश्वविद्यालय भटहट, पिपरी पहुंच कर अपना पक्ष रखा।
छात्रों का आरोप है कि बीएएमएस प्रथम वर्ष की परीक्षा में कापियों की जांच में लापरवाही के कारण 1445 छात्र फेल हो गए हैं। छात्रों ने कापियों की दुबारा जांच कराए जाने की मांग को लेकर तीन घंटे तक कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया और परीक्षा नियंत्रक को अपना मांग पत्र दिया। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कापियों का मूल्यांकन एनसीआईएसएम के नियमानुसार कराया गया है।
प्रदेश के 68 आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में बीएएमएस के वर्ष 2021– 2022 की परीक्षा में 3729 छात्र–छात्राओं ने भाग लिया था, जिसमें 2284 छात्र ही पास हुए थे। परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद छात्रों ने कापियों को देखने व पुनर्मूल्यांकन के लिए आयुष विश्वविद्यालय से संपर्क करना शुरू कर दिया। जब उन्हें कोई सन्तुष्ट जवाब नही मिला तो सभी छात्र विश्वविद्यालय पहुंच गए।

छात्रों ने लगाए आरोप

पीलीभीत से हर्षवर्धन ठाकुर व कृष्णा यादव, लखनऊ से आए सैफ, फर्रुखाबाद से विनम्र सिंह, मोहित,आजमगढ़ से गौरव उपाध्याय, नोएडा से सौरभ मिश्रा, सूर्या शिंह आज़मगढ़ से,मेरठ से सोनू यादव, मुजफ्फरनगर प्से गुलसनावर ,प्रदीप,विजय,राजेश अलोक,मोहित,राहुल,सूर्या,इकलाक,अता, विशाल,योगेश,पवन,वाहिद ,सुहेल,ओम प्रकाश,आदि ने आरोप लगाया है कि एनसीआईएसएम ( नेशनल कमीशन फार इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन इसके साथ ही छात्रों ने कापियों की जांच में लापरवाही का आरोप लगाया है। छात्रों का कहना है कि जिस तरह से एमबीबीएस, बीएचएमएस में परीक्षा कापियों की रिचेकिंग की व्यवस्था है तो बीएएमएस के छात्रों की परीक्षा की कापियों की रिचेकिंग क्यों नही करवाई जा रही है। जब कि पूर्व में रिचेकिंग होती थी।

फेल होने वाले छात्र अवसाद का हो रहे शिकार।

फेल होने वाले छात्र अवसाद का शिकार हो रहे है छात्रों का कहना है कि साल भर मेहनत से पढ़ाई की अच्छी खासी धनराशी भी खर्चा हो उस पर भी उनको फैल कर दिया गया । कपि की मूल्यांकन में लापवाही का खामयाजा छात्रों को भुगतना पढ़ रहा है।

इसके साथ ही बुलंदशर, गजरौला, कानपुर, लखनऊ, फर्रुखाबाद, गाजियाबाद, मेरठ, बरेली आदि जनपदों से आए छात्रों में परीक्षा की कापियों की रिचेकिंग न होने को लेकर काफी आक्रोश रहा।

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